Advertise Banner 528x90

सपनों को रौशनी देने वाली शिक्षिका – श्रीमती प्रेमलता राहंगडाले की प्रेरणादायक यात्रा

Date:

सपनों को रौशनी देने वाली शिक्षिका – श्रीमती प्रेमलता राहंगडाले की प्रेरणादायक यात्रा

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित

भोपाल

भोपाल के शासकीय संभागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान आईटीआई गोविंदपुरा की प्रशिक्षण अधिकारी श्रीमती प्रेमलता राहंगडाले का नाम आज उन शिक्षकों में शुमार है जो न केवल शिक्षा देने का कार्य करते हैं, बल्कि अपने विद्यार्थियों के जीवन को नई दिशा भी देते हैं। दृष्टि बाधित विद्यार्थियों के लिए उनका समर्पण, उनकी अटूट मेहनत और दृढ़ विश्वास ने उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चयनित होने का गौरव प्रदान किया है।

श्रीमती राहंगडाले ने बताया कि उनकी शिक्षण यात्रा की शुरुआत 11 साल पहले हुई थी। उनका एक ही सपना था, बच्चों के भीतर छुपी हुई क्षमता को निखारना और उन्हें जीवन की कठिनाइयों के सामने मजबूती से खड़े रहने के लिए तैयार करना। वे कहती है “जब मैंने इस सफर की शुरुआत की थी, तो मेरा उद्देश्य था कि इन बच्चों के जीवन के अंधकार को शिक्षा की रोशनी से दूर कर सकूं।

श्रीमती राहंगडाले का दृष्टिकोण केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है। वे अपने विद्यार्थियों के समग्र विकास पर जोर देती हैं, जिससे वे जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना सकें। वे कहती हैं “मेरा उद्देश्य है कि विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, साक्षरता और व्यक्तित्व विकास के माध्यम से एक ऐसे मुकाम तक पहुँचाना, जहां वे समाज में अपना योगदान दे सकें।”

ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों के लिए, श्रीमती राहंगडाले एक मार्गदर्शक बनकर उभरी हैं। वे न केवल उन्हें शिक्षा देती हैं, बल्कि उन्हें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार भी करती हैं। वे कहती हैं, “मुझे अपनी शिक्षण यात्रा के दौरान यह अनुभव हुआ कि अगर इन बच्चों को सही दिशा दी जाए, तो वे भी सफलता प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कोई सामान्य विद्यार्थी करता है।”

श्रीमती राहंगडाले मानती है कि उन्हें मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विद्यार्थियों के प्रति समर्पण का ही परिणाम है। यह पुरस्कार न केवल उनके व्यवसायिक प्रशिक्षण और उद्यमिता विकास में उत्कृष्टता को मान्यता देता है, बल्कि उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का भी प्रतीक है।

श्रीमती प्रेमलता राहंगडाले की यह प्रेरणादायक यात्रा उन सभी शिक्षकों के लिए एक मिसाल है, जो शिक्षा को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि भावी पीढ़ी के जीवन को संवारने का माध्यम मानते हैं। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि सही मार्गदर्शन और निस्वार्थ सेवा से किसी के भी जीवन में रोशनी भरी जा सकती है, चाहे वह कितनी भी कठिनाइयों में क्यों न हो।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

सोमवार 09 सितम्बर 2024 का राशिफल

मेष राशि : आज मेष राशि वालों को नौकरी-बिजनेस...

Wakf Bill की राह हुई आसान, बीजेपी को राज्यसभा में मिला बहुमत, समझिए पूरा गणित

नई दिल्ली  केंद्र की मोदी सरकार ने संसद के मॉनसून...

झारखंड विधानसभा चुनाव की समन्वय समिति बनाएगी कांग्रेस, सहयोगियों से सीट&शेयरिंग पर मंथन

रांची. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव से...